एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड और सीएसआईआर-आईएमएमटी ने महत्वपूर्ण खनिज अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए

एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (एनएमएल) और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद – खनिज एवं सामग्री प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-आईएमएमटी) ने महत्वपूर्ण खनिजों, खनिज प्रसंस्करण और सतत खनन प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।यह समझौता ज्ञापन श्री नवीन जैन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एनएमएल एवं आरईडी (माइनिंग), एनटीपीसी, और डॉ. रामानुज नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-आईएमएमटी द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर के समन्वय में डॉ. काली संजय, प्रमुख, हाइड्रो, बायो एवं इलेक्ट्रोमेटलर्जी विभाग एवं व्यवसाय विकास, सीएसआईआर-आईएमएमटी; श्री धनंजय श्रीखंडे, महाप्रबंधक (तकनीकी सेवाएं एवं वाणिज्यिक); और श्री अनिल कुमार सोनी, अपर महाप्रबंधक (तकनीकी सेवाएं एवं व्यवसाय विकास), एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड, शामिल रहे।इस अवसर पर बोलते हुए श्री नवीन जैन ने कहा:“यह सहयोग हमारे उस दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसके तहत हम तकनीकी उत्कृष्टता और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के माध्यम से सुरक्षित, सतत और कुशल खनन के क्षेत्र में एक मानक संस्था बनना चाहते हैं। एनटीपीसी माइनिंग की संचालनात्मक क्षमता और सीएसआईआर-आईएमएमटी की अग्रणी अनुसंधान क्षमताओं को एकजुट कर हम खनन योजना, खनिज लाभ-संशोधन और सतत खदान बंदी प्रथाओं में परिवर्तनकारी सुधार लाने का लक्ष्य रखते हैं।”डॉ. रामानुज नारायण ने कहा:“जैसे-जैसे भारत राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के अंतर्गत अपने प्रयासों को तेज कर रहा है, यह सहयोग एक उपयुक्त समय पर हुआ है। महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में एनटीपीसी माइनिंग की रणनीतिक भागीदारी और संसाधन सुरक्षा में इसकी अग्रणी भूमिका हमारे उस उद्देश्य के साथ पूरी तरह मेल खाती है, जिसमें हम उद्योग के लिए विज्ञान-आधारित और विस्तार योग्य समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”2018 में स्थापना के बाद से, एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड भारत की ऊर्जा सुरक्षा में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभरा है। FY 2024–25 में एनटीपीसी की कोयला आवश्यकता का लगभग 15% आपूर्ति करते हुए कंपनी अब तक 134 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन कर चुकी है। जैसे-जैसे भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर अग्रसर हो रहा है, एनएमएल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और विकास के क्षेत्र में विविधीकरण कर रहा है, जो आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का समर्थन करता है।सीएसआईआर-आईएमएमटी को महत्वपूर्ण खनिजों के अनुसंधान और प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण में दशकों का अनुभव प्राप्त है, और यह खनन व सामग्री क्षेत्रों को उन्नत समाधान प्रदान करता है। सहयोग के हिस्से के रूप में, एनटीपीसी माइनिंग प्रतिनिधिमंडल ने सीएसआईआर-आईएमएमटी की उन्नत प्रौद्योगिकी विकास सुविधाओं का दौरा किया और आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों पर केंद्रित अनुसंधान और तकनीकी सहयोग पर विचार-विमर्श किया।यह समझौता ज्ञापन भारत में नवाचार-संचालित, सतत संसाधन विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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